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30 Days Festival Competition लेखनी कहानी -17-Oct-2022 करवा चौथ(भाग 28 )


                   शीर्षक :-  करवा चौथ

        करवा चौथ का त्योहार भारत वर्ष में सुहागिन औरतें अपनी पति की लम्बी उम्र के लिए रखती है  इस ब्रत में स्त्रियां पूरे दिन न कुछ खाती है और न पानी पीती है। यह ब्रत सब ब्रतौ से कठिन माना जाता है। आजकल पुरुष भी अपनी पत्नियौ के साथ यह ब्रत रखने लगे है। पति अपनी पत्नी के लिए गिफ्ट भी देते है।
   
                              यह त्योहार बहुत ही श्रद्धा से मनाया जाता है।    करवाचौथ का व्रत महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के साथ रखती हैं.।. पूरी साल महिलाएं इस पर्व की प्रतीक्षा करती हैं। हर साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवाचौथ का व्रत रखा जाता है. इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के साथ निर्जल व्रत रखती हैं. शाम को पूजा के बाद चंद्र दर्शन किए जाते है और चंद्रमा को अर्घ्‍य दिया जाता है। इसके बाद ही महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं. ऐसे में सभी को उस रात अपने शहर में चांद के निकलने का इंतजार  रहता है।

करवा चौथ का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के साथ करती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से महिलाओं की सौभाग्‍य वृद्धि होती है और उनका वैवाहिक जीवन सुखमय गुजरता है. ये व्रत उत्तर भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। 

               ज्‍योतिषाचार्य बताते हैं कि ये व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए है। कुंवारी कन्‍याओं को ये व्रत नहीं रखना चाहिए। चूंकि इस दिन चौथ की तिथि होती है, जो गणपति को समर्पित है, ऐसे में कुंवारी कन्‍याएं समेत कोई भी व्‍यक्ति गणपति को समर्पित चौथ का व्रत रख सकता है।

             करवा चौथ के दिन महिलाएं सुबह उठकर स्नान आदि करके करवाचौथ व्रत का संकल्‍प लें। इस दिन निर्जला व्रत किया जाता है। हालांकि बीमार महिलाएं या गर्भवती स्त्रियों के लिए फलाहार लेने की छूट है। शाम के समय सोलह श्रंगार करके महिलाएं तैयार हों और शुभ मुहूर्त में शिव और माता पार्वती का पूजन करें. करवाचौथ की कथा पढ़ें. पूजा के बाद चंद्रोदय होने पर अर्घ्य दें और पति को तिलक लगाकर, मिष्‍ठान खिलाकर आरती उतारें और पैर छूकर आशीर्वाद लें. घर के बुजुर्गों का भी आशीर्वाद लें. इसके बाद पति के हाथों से जल पीकर अपने  पति को छालनी से देखकर पति के हिथौ से जल पीकर ब्रत को   खोलती है।

            इस तरह यह ब्रत औरते अपने पति की लम्बी कामना से रखती है।  इस दिन औरते महदी लगवाती है सोलह श्रंगार करके तैयार होती है।

           आजकल कुछ  पुरुष भी  इस ब्रत को अपनी पत्नी के साथ रखने लगे है।

      औरतौ की सास सुबह सूर्योदय से पहले अपनी बहू को कुछ खाने के लिए देती है जिसे खलना कहते है उसके बाद पत्नी नहा धोकर  ब्रत करती है। इस तरह यह ब्रत बहुत ही पवित्र ब्रत कहा जाता है। 

30  Days Fedtival Competition  हेतु रचना।

नरेश शर्मा " पचौरी "

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5 Comments

Vedshree

04-Dec-2022 07:51 PM

Bahut sunder

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Gunjan Kamal

17-Nov-2022 02:06 PM

बेहतरीन

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Palak chopra

15-Nov-2022 01:57 PM

Shandar 🌸

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